संस्कृत से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी भी बन सकेंगे आयुर्वेद के डॉक्टर, पहली बार शुरू होने जा रही साढ़े सात साल की बीएएमएस प्री आयुर्वेद डिग्री

 


अब संस्कृत से पढ़ाई करने वाले छात्र भी डॉक्टर बन सकेंगे। आयुर्वेद सम्मेलन के प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने बताया कि पहली बार 7.5 साल की बीएएमएस प्री आयुर्वेद डिग्री शुरू की जा रही है। भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग ने भारत का राजपत्र अधिसूचना भी जारी की है। अब प्री आयुर्वेद प्रोग्राम फॉर बैचलर्स ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी विनियम 2024 प्रारंभ होगा। इसमें दो साल प्री आयुर्वेद व साढ़े चार साल का बीए एमएस के साथ 1 साल की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप होगी।


बोर्ड से दसवीं पास होना जरूरी


डॉ. पाण्डेय ने बताया कि छात्रों को प्रवेश के लिए मान्यता प्राप्त बोर्ड सहित संस्कृत बोर्ड ऑफ स्टेट या किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास करना जरूरी रहेगा। इसकी न्यूनतम आयु सीमा 15 साल है। प्रवेश के लिए आयुर्वेद गुरुकुलम की एक समान प्रवेश परीक्षा नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट फॉर प्री आयुर्वेद प्रोग्राम एनइइटी-पीएपी को 50 फीसदी अंकों से पास करना होगा। इसका उद्देश्य है कि शुरु से ही छात्र संस्कृत भाषा के ग्रंथों का पूर्ण अध्ययन कर विधिवत समग्र चिकित्सक बनने के लिए गुरु शिष्य परंपरा के आत्मसात करके आयुर्वेद चिकित्सक बन सकें। पांच करोड़ की जनसंख्या पर एक अतिरिक्त आयुर्वेद गुरुकुलम की स्थापना होगी।

Previous Post Next Post