इस साल चार दिन पहले केरल में दस्तक दे सकता है मानसून
मौसम विभाग ने बताया था कि इस साल दक्षिणी अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीपसमूह में मानसून 13 मई को ही आगे बढ़ सकता है। आमतौर पर ऐसा 20 मई के आसपास होता है, लेकिन इस बार एक हफ्ते पहले ही ऐसा हो रहा है।
बीते साल मानसून ने केरल में 30 मई को दस्तक दी थी। वहीं साल 2023 में 8 जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में 3 जून को और साल 2020 में 1 जून को मानसून केरल पहुंचा था। आमतौर पर दक्षिण पश्चिम मानसून एक जून को केरल पहुंचकर 8 जुलाई तक पूरे भारत को कवर कर लेता है। 17 सितंबर से मानसून भारत के उत्तर पश्चिमी इलाकों से पीछे हटना शुरू हो जाता है और 15 अक्तूबर तक पूरी तरह से विदा हो जाता है। मौसम विभाग ने अपने अप्रैल महीने के अनुमान में साल 2025 में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद जताई है। इससे अल-नीनो के असर को नकारा जा रहा है, क्योंकि अल नीनो के असर से सामान्य से कम बारिश होती है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम रविचंद्रन ने बताया कि भारत में इस साल चार महीने के मानसून के मौसम में सामान्य से ज्यादा बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान 105 प्रतिशत बारिश हो सकती है, जो औसत बारिश 87 सेंटीमीटर से ज्यादा है।
मौसम विभाग ने साफ किया कि केरल में मानसून के जल्दी या देर से आने का मतलब देश में ज्यादा या कम बारिश होना नहीं है। इसमें कई अन्य फैक्टर शामिल होते हैं। हाल में मौसम विभाग ने बताया था कि इस साल दक्षिणी अंडमान सागर, बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों और निकोबार द्वीपसमूह में मानसून 13 मई को ही आगे बढ़ सकता है। आमतौर पर ऐसा 20 मई के आसपास होता है, लेकिन इस बार एक हफ्ते पहले ही ऐसा हो रहा है। निकोबार द्वीप समूह से केरल पहुंचने में मानसून को सामान्य तौर पर 10 दिन का समय लगता है
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