स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यात्रा
(एक प्रेरणादायक अनुभव)
शीतल रॉय
हाल ही में मुझे भारत की एक अद्भुत धरोहर, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यात्रा करने का अवसर मिला। यह यात्रा न केवल ज्ञानवर्धक रही, बल्कि एक ऐसा अनुभव भी बना जिसने मेरे मन को गहराई तक छू लिया। यह प्रतिमा भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है, जिनके अद्वितीय नेतृत्व और एकता के प्रयासों ने देश को एक सूत्र में बाँधा।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पहुँचते ही सबसे पहले जो बात ध्यान खींचती है, वह है यहाँ का स्वच्छ और शांत वातावरण। परिसर में चारों ओर हरियाली और प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। हवा में ताजगी और वातावरण में अनुशासन का भाव साफ महसूस होता है। यहाँ की सफाई व्यवस्था अत्यंत प्रशंसनीय है – कचरा कहीं दिखाई नहीं देता और नियमित रूप से सफाई होती रहती है।
सड़कें चौड़ी, समतल और सुचारू रूप से निर्मित हैं। शुल्क फ्री यातायात व्यवस्था इतनी व्यवस्थित है कि किसी प्रकार की परेशानी महसूस नहीं होती। चाहे अपनी गाड़ी से जाएं या वहाँ की बस सेवा का उपयोग करें – हर विकल्प सुविधाजनक और यात्रियों के अनुकूल है।
इस स्थान की सबसे बड़ी विशेषता है इसकी प्रशासनिक व्यवस्था। टिकट व्यवस्था से लेकर दर्शकों के आवागमन, सुरक्षा और खानपान तक – हर जगह कुशल प्रबंधन देखने को मिलता है। यहाँ आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए शटल बस सेवा, गाइड, सूचना केंद्र, फूड कोर्ट और प्रदर्शनी हॉल जैसी अनेक व्यवस्थाएँ हैं। सुरक्षा बल हमेशा सतर्क रहते हैं और पर्यटकों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। सीनियर सिटीजन के लिए व्हीलचेयर उपलब्ध है
इसके अतिरिक्त यहाँ पर वैली ऑफ फ्लॉवर्स, सरदार सरोवर बाँध, ऑडियो-विजुअल गैलरी और लेजर शो जैसे आकर्षण भी हैं, जो इस यात्रा को और भी रोचक और ज्ञानवर्धक बनाते हैं।
इस यात्रा ने मुझे न केवल सरदार पटेल के महान योगदान को नजदीक से समझने का अवसर दिया, बल्कि यह भी सिखाया कि यदि इच्छाशक्ति और दूरदृष्टि हो तो कुछ भी असंभव नहीं है।
, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की यह यात्रा मेरे लिए एक प्रेरणा बनकर सामने आई। यहाँ की साफ-सुथरी सड़कें, अनुशासित वातावरण और उत्तम प्रबंधन ने मुझे अत्यंत प्रभावित किया। हर भारतीय को एक बार इस स्थान की यात्रा अवश्य करनी चाहिए, ताकि हम अपने राष्ट्र निर्माण में लगे महानायकों का सम्मान कर सकें और उनकी प्रेरणा से अपने जीवन में भी कुछ सकारात्मक बदलाव ला सकें।