पैसे डबल होने के चक्कर में फंस गए 3000 लोग, ठगों को हुआ 232 करोड़ का मुनाफा

 पैसे डबल होने के चक्कर में फंस गए 3000 लोग, ठगों को हुआ 232 करोड़ का मुनाफा

पैसे डबल करने का झांसा देकर 3 हजार से अधिक लोंगों के साथ ठगी करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बुधवार को एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो ठगों की गिरफ्तारी हुई है।



साइबराबाद पुलिस ने ए.वी. सॉल्यूशंस और श्रीनिवास एनालिटिकल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक व आंध्र प्रदेश निवासी गद्दाम वेणुगोपाल और उसके कर्मचारी 55 वर्षीय श्रेयस पॉल को हैदराबाद से गिरफ्तार किया है।


आरोप है कि इन्होंने स्टॉक मार्केट और अन्य लुभावन स्कीम के जरिए देश के विभिन्न राज्यों में साल 2022 से 2025 के बीच 3164 लोगों को चूना लगाया है।


इन लोगों से हाई रिटर्न का फर्जी वादा करके 850.59 करोड़ रुपये हासिल किए गए, जिनमें शुरआती पेआउट के नाम पर 618.23 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस भी किए गए। इसी तरह ठगों को 232 करोड़ का मुनाफा हुआ।


पुलिस ने बताया कि 20 से ज्यादा सलाहकार, एजेंट, तकनीकी डेवलपर और वेबसाइट प्रशासक फ्रॉड करने वाली कंपनी का हिस्सा थे।


सभी आईआईटी कैपिटल टेक्नोलॉजीज, एवी सॉल्यूशंस, श्रीनिवास एनालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रेड बुल्स टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जैसी फर्जी कंपनियों के जरिए लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे।

प्रीमियम कार्यालय बनाकर झूठी विश्वसनीयता बनाई


जांचकर्ताओं ने आगे बताया कि आरोपियों ने फर्जी सेबी, एनएसई और बीएसई का रजिस्ट्रेशन दिखाकर, भव्य निवेश सेमिनार आयोजित करके और प्रीमियम कार्यालय बनाकर झूठी विश्वसनीयता बनाई।


मिडिल क्लास परिवार, कामकाजी पेशेवर और सेवानिवृत्त व्यक्ति को यह मुख्य रूप से निशाने पर रखते थे। जिन्हें एआई-आधारित भविष्यवाणियों के जरिए 7% मासिक रिटर्न (84% वार्षिक) का वादा किया जाता था।

21 बैंक खातों में ठगी के रकम जमा किए गए


पुलिस ने बताया कि 21 बैंक खातों में ठगी के रकम जमा किए गए। फिर उन्हें रियल एस्टेट, लग्जरी गाड़ियों और सोने में इन्वेस्ट किया गया। इस धोखाधड़ी के चलते सैकड़ों परिवार तबाह हो गए। कई लोग कर्ज में डूब गए।


अब तक, पुलिस ने महंगी गाड़ियां, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, वित्तीय दस्तावेज, संपत्ति के कागजात और 3,164 पीड़ितों का डेटाबेस जब्त किया है। 


ऐसा माना जा रहा है कि आरोपियों ने कई डिजिटल साक्ष्य नष्ट कर दिए हैं। इसके अलावा, शिकायत दर्ज कराने की कोशिश करने वाले निवेशकों को धमकाया भी है।


उधर, पुलिस ने जनता से इस तरह के निवेश प्लेटफार्मों से सावधान रहने का आग्रह किया है। इसके साथ, निवेशकों को आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से सेबी पंजीकरण सत्यापित करने की सलाह दी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बड़े अधिकारी से ठगी


उधर, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से मुद्रा बाजार में निवेश करने के बहाने 27 लाख रुपये की ठगी की गई।


दिल्ली पुलिस के अनुसार, पीड़ित ने आरोप लगाया है कि जुलाई 2023 में एक व्यक्ति ने उससे संपर्क किया। मंत्रालय के अधिकारी को मुद्रा बाजार में निवेश करने और एक साल के भीतर पैसा दोगुना करने के नाम पर 27 लाख रुपये ट्रांसफर कराये। अब इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है।


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