इन योग में मनाई जा रही है वैकुंठ चतुर्दशी

 इन योग में मनाई जा रही है वैकुंठ चतुर्दशी

हर साल इस शुभ तिथि पर वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi 2025) मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और मंत्रजप करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वैकुंठ चतुर्दशी पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इन योग में पूजा करने से दोगुना फल मिलता है। 


    

04 नवंबर को वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi 2025) का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन गंगा स्नान और दीपदान करना शुभ माना जाता है। इससे जीवन में कुशुयों का आगमन होता है। 


 04 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। हर साल इस शुभ तिथि पर वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi 2025) मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इस दिन गंगा स्नान, दीपदान और मंत्रजप करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। वैकुंठ चतुर्दशी पर कई योग भी बन रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इन योग में पूजा करने से दोगुना फल मिलता है।


तिथि: शुक्ल चतुर्दशी

मास पूर्णिमांत: कार्तिक

दिन: मंगलवार

संवत्: 2082


तिथि: शुक्ल चतुर्दशी रात्रि 10 बजकर 36 मिनट तक

योग: वज्र दोपहर 03 बजकर 43 मिनट तक

करण: गरज दोपहर 12बजकर 23 मिनट तक

करण: वणिज रात्रि 10 बजकर 36 मिनट तक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय



सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 35 मिनट पर

सूर्यास्त: सायं 05 बजकर 34 मिनट पर

चंद्रोदय: सायं 04 बजकर 30 मिनट पर

चन्द्रास्त: 5 नवम्बर को सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर

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