विधानसभा में सच या साजिश, आयुष विभाग के जवाबों ने खोले प्रशासनिक खेल

विधानसभा में सच या साजिश, आयुष विभाग के जवाबों ने खोले प्रशासनिक खेल

भोपाल। राज्य विधानसभा में गलत जवाबों के आरोप नई बात नहीं हैं, लेकिन हैरत यह है कि ऐसे मामले बार‑बार उठने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी सुधार से बाज नहीं आ रहे। ताज़ा मामला आयुष विभाग से जुड़ा है, जहाँ बिना पद के दोहरी नियुक्ति पाए जाने की शिकायत पर सदन में परस्पर विरोधी जवाब दिए गए।



आयुक्त ने बताई हकीकत,मंत्रालय ने दिया गोलमोल जवाब

कांग्रेस विधायक विवेक विक्की पटेल ने आयुष विभाग में होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर के पदों को लेकर प्रश्न लगाया। एक दिसंबर को भेजे गए लिखित जवाब में विभागीय आयुक्त उमा महेश्वरी ने स्पष्ट किया कि विभाग में होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर का कोई पद नहीं है। साथ ही यह भी कहा गया कि इस पद पर नियुक्त महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. कीर्ति राठौर की नियुक्ति का कोई प्रस्ताव संचालनालय से शासन को कभी भेजा ही नहीं गया।


चिकित्सक दंपत्ति पर वसूली के आरोप 

आयुक्त के जवाब में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. कीर्ति राठौर के खिलाफ विभाग को जबरिया वसूली की तीन शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इंदौर निवासी दवा कारोबारी मुरारीलाल बघेल की शिकायत में न केवल महिला चिकित्सा अधिकारी, बल्कि उनके पति डॉ. अखिलेश राठौर पर भी अवैध वसूली के आरोप लगाए गए हैं।


सदन में मिला चौंकाने वाला उत्तर 

हालाँकि, सदन में विधायक को जो उत्तर मिला, वह चौंकाने वाला था। जवाब में बताया गया कि विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर के दो पद स्वीकृत हैं, जिनमें से एक पद पर होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर की नियुक्ति है। जबकि विधायक ने अपने प्रश्न की पहली ही पंक्ति में आयुष विभाग में होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर के पदों की संख्या पूछी थी।


होम्योपैथी चिकित्सक को आयुर्वेद का दायित्व 

राजपत्र में प्रकाशित विभागीय सेट‑अप के अनुसार, मध्यप्रदेश आयुष विभाग में ड्रग इंस्पेक्टर के दोनों स्वीकृत पद केवल आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के हैं। होम्योपैथी और आयुर्वेद अलग‑अलग चिकित्सा पद्धतियाँ हैं—उनके सिद्धांत, उपचार पद्धति, शैक्षणिक पाठ्यक्रम और उपाधियाँ भी भिन्न हैं।


ऐसी स्थिति में होम्योपैथी चिकित्सक को आयुर्वेद के पद का दायित्व देना न केवल विभागीय नियमों का उल्लंघन है, बल्कि आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी माना जा सकता है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारियों ने इस विरोधाभासी जवाब को पूरे दुस्साहस के साथ सदन में पेश किया।


एक चिकित्सक,दो नियुक्तियाँ—सच छिपाने की दूसरी भूल 

हैरानी की बात यह भी है कि आयुष विभाग ने एक ही महिला चिकित्सक डॉ. कीर्ति राठौर को दो पदों पर नियुक्त कर रखा है, जो न राज्य के नियमों में संभव है और न ही देश के किसी प्रावधान में। बताया जाता है कि यह नियुक्ति 13 वर्ष पहले की गई थी। अब जब मामला विधानसभा में उठा, तो एक गलती छिपाने के लिए गलत जवाब देकर दूसरी गलती कर दी गई।


वर्तमान में डॉ. राठौर आयुष संचालनालय में होम्योपैथी महिला चिकित्सा अधिकारी एवं ओएसडी के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें ही होम्योपैथी ड्रग इंस्पेक्टर का अतिरिक्त दायित्व भी सौंपा गया, जबकि विभाग में ऐसा कोई पद अस्तित्व में ही नहीं है।


विधायक की आपत्ति, शिकायत की तैयारी 

इस पूरे मामले पर विभाग की उपसचिव रंजना देवड़ा का कहना है कि सदन में जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नियमानुसार ही दी गई है। वहीं, विधायक विवेक विक्की पटेल ने सदन में गलत जवाब दिए जाने पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रश्न कुछ और पूछा जाता है, जबकि उत्तर कुछ और दिया जाता है। विधायक इस मामले को लेकर विधानसभा की प्रश्न एवं संदर्भ शाखा में शिकायत करने की तैयारी में हैं। 

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