रिटायरमेंट फंड पर सरकार देगी पूरी टैक्स छूट या देना होगा जुर्माना
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस के सब्सक्राइबर्स के लिए एक बड़ी खुशखबरी और एक बड़ी उलझन दोनों साथ-साथ आई हैं। पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए गैर-सरकारी कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय उनके कुल जमा कोष का 80 प्रतिशत हिस्सा एकमुश्त निकालने की अनुमति दे दी है। अब तक यह सीमा केवल 60 प्रतिशत थी।
नए बदलावों के तहत नॉन-गवर्नमेंट (प्राइवेट) सब्सक्राइबर्स के लिए पांच साल की लॉक-इन को खत्म कर दिया गया है। एकमुश्त निकासी की राशि भी बढ़ा दी गई है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने PFRDA (एक्जिट्स एंड विदड्रॉल्स अंडर द नेशनल पेंशन सिस्टम) अमेंडमेंट रेगुलेशंस 2025 को नोटिफाई कर दिया है।
इस नए नियम से लिक्विडिटी (नकद प्रवाह) तो बढ़ेगी, लेकिन पेंच आयकर पर फंसा है। मौजूदा इनकम टैक्स कानून केवल 60 प्रतिशत निकासी को ही टैक्स-फ्री मानता है। ऐसे में सवाल उठता है- क्या अतिरिक्त 20 प्रतिशत निकासी पर आपको टैक्स देना होगा? आइए इस विषय से जुड़े सवालों का असान भाषा में जवाब समझें।
क्या है 80:20 का नया नियम?
PFRDA के हालिया नोटिफिकेशन के अनुसार, एनपीएस से निकासी के नियमों को बेहद लचीला बना दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को रिटायरमेंट के बाद अपने पैसे का उपयोग करने की अधिक आजादी देना है।
पुरानी व्यवस्था (60:40) क्या थी: पहले मैच्योरिटी पर आप अधिकतम 60% पैसा नकद निकाल सकते थे और शेष 40% से आपको अनिवार्य रूप से वार्षिकी (Annuity) प्लान खरीदना पड़ता था, जिससे आपको मासिक पेंशन मिलती थी।
नई व्यवस्था (80:20) क्या है: अब आप 80% पैसा नकद निकाल सकते हैं। अनिवार्य वार्षिकी की सीमा को घटाकर 20% कर दिया गया है।
उदाहरण: यदि आपका कुल फंड 1 करोड़ रुपये है:
पहले: 60 लाख हाथ में, 40 लाख की एन्युटी।
अब: 80 लाख हाथ में, केवल 20 लाख की एन्युटी।
बड़ा सवाल: क्या पूरा 80% पैसा टैक्स-फ्री है?
यहीं पर पेंच है। बलवंत जैन (वरिष्ठ कर एवं निवेश विशेषज्ञ) और मनीष गाड़िया (टैक्स एक्सपर्ट) जैसे जानकारों का कहना है कि पीएफआरडीए (PFRDA) केवल पेंशन के नियम बदल सकता है, टैक्स के नहीं। टैक्स के नियम वित्त मंत्रालय और सीबीडीटी (CBDT) तय करते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 10(12A) के तहत, एनपीएस से निकासी पर केवल 60% राशि ही कर-मुक्त (Tax Exempt) है।

