भोपाल(नप्र)। माघ माह की मौनी अमावस्या का पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया। प्रात : पांच बजे से श्रद्धालुओं ने स्नान करना आरंभ कर दिया था। पवित्र नदियों में स्नान के बाद लोगों ने स्नान, दर्शन के बाद मंदिर के बाहर हवन-पूजन और दान पुण्य आदि किया। अमावस्या पर स्नानदान के लिए प्रमुख पर्व मानी जाती है। अमावस्या पर शहर के मंदिरों में विशेष आयोजन हुए। अनेक श्रद्धालु पवित्र स्नान करने तीर्थ स्थलों पर पहुंचे।
नर्मदा व क्षिप्रा तट पर पहुंचे लोग
मौनी अमावस्या के संयोग पर राजधानी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु नर्मदा, क्षिप्रा सहित आसपास के तीर्थ स्थलों पर स्नान, दान करने के लिए पहुंचे, साथ ही कई श्रद्धालुओं ने अपने पितरों की आत्मशांति के लिए तर्पण किया। इस संयोग पर अनेक श्रद्धालुओं ने तीर्थ स्थलों पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाई और यथाशक्ति दान पुण्य किया। वहीं मौनी अमावस्या पर कई साधकों ने मौन व्रत धारण किया और साधना, आराधना की।
सुहागिनों ने की तुलसी परिक्रमा
इसके अलावा माघ नर्मदा तट पर कल्पवास कर रहे श्रद्धालु सूर्योदय से पहले ही मौन स्नान किया। मौनी अमावस्या पर सुहागिनें पति की दीघार्यु के लिए पीपल या तुलसी के पौधे की 108 परिक्रमा की।