भोपाल(नप्र)। मां दुर्गा की आराधना के लिए नवरात्र के नौ दिन सबसे शुभ माने जाते हैं। नवरात्र वर्ष में चार बार मनाई जाती है। दो बार गुप्त नवरात्र और दो बार सामान्य नवरात्रि इस बार माघ की गुप्त नवरात्र शुनिवार से शुरू हो रही है। माघ गुप्त नवरात्र में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। जिनमें- काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, चिन्नामस्ता त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगुलामुखी, मातंगी और कमला देवी की आराधना की जाती है। इस वर्ष गुप्त नवरात्र व्रत का शुभारंभ सिद्धि योग में होगा। जिस कारण से गुप्त नवरात्रि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। गुप्त नवरात्र के लिए राजधानी के देवी मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई है।
ज्योतिषाचार्य पं. रामजीवन दुबे के मुताबिक माघ मास के गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से प्रारंभ होकर 18 फरवरी तक रहेंगे। गुप्त नवरात्र को मंत्र साधकों के लिए उपयुक्त माना गया है। शक्ति की आराधना के लिए देवी मंदिरों में साफ-सफाई सहित विशेष तैयारियां शुरू हो गई हैं। कई मंदिरों में दस महाविद्याओं की आराधना, 9 दिन अखंड ज्योति जलाने और दुर्गा सप्तशती पाठ किए जाएंगे। टीटी नगर मां वैष्णो आदर्श दुर्गा मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना रखी गई है। माता मंदिर, जय भवानी मंदिर सोमवारा, तलैया मां कालका मंदिर सहित शहर के सभी मां दुर्गा मंदिरों में नवरात्र में विशेष पूजा-अर्चना होगी।
वर्ष में चार होते हैं नवरात्र
वर्ष भर में चार नवरात्र मनाए जाते हैं। इनमें चैत्र व शारदीय नवरात्र में मूर्ति स्थापना की जाती है। वहीं माघ और आषाढ़ में गुप्त नवरात्र मनाए जाते हैं।
ये हैं 10 महाविद्याएं
गुप्त नवरात्र में जिन 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है उनमें काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी व कमला देवी हैं।