शहर के मंदिरों में हुई पूजा-अर्चना, श्रद्धालुओं ने किए मातारानी के दर्शन
भोपाल। शहर में शनिवार गुप्त नवरात्र शुरू हो गए। शक्ति की साधना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना जाने वाले इस वर्ष का पहला माघ माह का गुप्त नवरात्र में मंदिरों में मंदिरों में घट स्थापना व पूजा की गई। नवरात्र का शुभारंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में हुआ, जो पूरे नौ दिन शुभ फलदायी रहेगा। 18 फरवरी तक मंदिरों में मातारानी की आराधना की जाएगी। पहले दिन माता रानी के मंदिरों में मां शैलपुत्री की पूजा की हुई। टीटी नगर के मां वैष्णो धाम आदर्श नो दुर्गा मंदिर में गुप्त नवरात्र महोत्सव के रूप में शुरू किया गया। इसमें मां भगवती के विशेष श्रृंगार के साथ प्रथम दिवस मां शैलपुत्री का विशेष पूजन हुआ। वेदियों का पूजन के साथ 21 ज्योत जलाई गईं। यह ज्योत मनोकामना पूर्ति के लिए भक्तों ने प्रज्वलित कराईं। यह माता रानी समस्त मनोकामना को पूर्ण करती हैं। रविवार को द्वितीया तिथि पर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। वैदिक ब्राह्मणों द्वारा शतचंडी पाठ किया जाएगा। हर दिन मां दुर्गा का पूजन होगा। वसंत पंचमी को मां सरस्वती का विशेष पूजन होगा। महाष्टमी पर हवन किया जाएगा। इधर शहर के जय मां भवानी मंदिर, माता मंदिर, मां कालका मंदिर चूनाभट्टी, मां पहाड़ा वाली मंदिर कोलार, शीतला माता मंदिर कोटरा सुल्तानाबाद सहित अन्य मंदिरों में माता मंदिरों में पूजा-अर्चना की गई। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि वर्ष में चार नवरात्र, दो गुप्त नवरात्र वर्ष में कुल चार नवरात्र होते हैं। जिनमें माघ और आषाढ़ की दो नवरात्र को गुप्त नवरात्र माना गया है। इनमें विशेष रूप से तंत्र-मंत्र सिद्धि साधना की जाती है। इन दिनों तांत्रिक मंत्रों की सिद्धि करते हैं। दो प्रकट नवरात्र होती हैं, इनमें एक चैत्र में गुड़ी पड़वा से शुरू होती है, दूसरी अश्विन माह में होती है, इसे शारदीय नवरात्र कहा जाता है।