सहजन में उपस्थित पोषण की मात्रा, Sehjan (Drumstick) ka upyog kaise karein?


परिचय: अक्सर हम सांभर के कटोरे में इसे तैरते हुए देखते हैं, सहजन (ड्रमस्टिक) को वैज्ञानिक दृष्टि से मोरिंगा ओलेइफेरा लैम के नाम से जाना जाता है। यह मोरिंगेसी वृक्ष परिवार से संबंधित है। यह एक छोटा, तेज़ी से बढ़ने वाला, सदाबहार पेड़ है जो उष्णकटिबंधीय (ट्रॉपिकल) क्षेत्रों में उगता है। यह भारत, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। सहजन (ड्रमस्टिक) को हॉर्सरैडिश ट्री या ड्रमस्टिक ट्री (अंग्रेजी में), सुभंजना (संस्कृत में), हरिताशाका या अक्षीवा (आयुर्वेद में) और सैन्जना या सगुना (हिंदी में) के रूप में भी जाना जाता है।


सहजन (ड्रमस्टिक) के प्रत्येक भाग में मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक गुण होते हैं; इसलिए, यह महत्वपूर्ण पोषण संबंधी जड़ी बूटियों में से एक है। कई वर्षों से सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा दवा के रूप में किया जाता रहा है। आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार, सहजन (ड्रमस्टिक) की हाई न्यूट्रिशनल वैल्यू, जल धारण करने की क्षमता और शुद्धिकरण क्षमता के कारण विभिन्न बीमारियों के लिए यह उपयोगी और मददगार है।


सहजन (ड्रमस्टिक) में उपस्थित पोषण की मात्रा


सहजन (ड्रमस्टिक) महत्वपूर्ण खनिज और पोषक तत्वों की बड़ी और दुर्लभ किस्म प्रदान करता है। सहजन (ड्रमस्टिक) के कंद, पत्ते, फूल, छाल, जड़ और बीज में भी बायोएक्टिव यौगिक होते हैं।


पोषक तत्व मात्रा/100 ग्राम में

ऊर्जा 37 किलोकैलोरी

प्रोटीन 2.1 ग्राम

फ़ैट (वसा) 0.2 ग्राम

कार्बोहाइड्रेट 8.53 ग्राम

फ़ाइबर 3.2 ग्राम

कैल्शियम 30 मिलीग्राम

आयरन 0.36 मिलीग्राम

मैगनीशियम 45 मिलीग्राम

फ़ास्फोरस 50 मिलीग्राम

पोटैशियम 461 मिलीग्राम

सोडियम 42 मिलीग्राम

ज़िंक 0.45 मिलीग्राम

कॉपर 0.084 मिलीग्राम

मैंगनीज 0.259 मिलीग्राम

सेलेनियम 0.7 म्युग्राम

विटामिन सी 141 मिलीग्राम

थायमिन 0.053 मिलीग्राम

राइबोफ्लेविन 0.074 मिलीग्राम

विटामिन बी6 0.12 मिलीग्राम

फ़ोलेट 44 म्युग्राम

विटामिन ए 4 म्युग्राम


सहजन (ड्रमस्टिक) के प्रमुख घटकों में बायोलॉजिकल गतिविधियां होती हैं जो आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी, योग, निसर्ग-चिकित्सा पद्धति और सिद्धा जैसी अनेक औषधीय प्रणालियों में इसके संभावित उपयोग में भूमिका निभा सकती हैं।1 सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित गुण इस प्रकार हैंः


●      इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट गुण हो सकते है


●      यह एंटी-डायबिटिक हो सकती है (ब्लड ग्लुकोज़ के स्तर को कम करता है)


●      इसमें एंटी-कैंसर (कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकता है) क्षमता हो सकती है


●      इसमें एंटी-सीज़्यूर के गुण हो सकते है


●      यह एंटी-अस्थमैटिक हो सकता है


●      यह सूजन को कम करने में मदद कर सकता है


●      यह एंटी पैरासाइटिक एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है


●      इसमें एंटी-बैक्टेरियल गुण हो सकते हैं


●      इसमें एंटी-फंगल गुण हो सकते हैं


●      इसमें एक एंटी-पायरेटिक (बुखार कम करने वाला) एजेंट हो सकता है


●      यह एक एंटी-अल्सर (अल्सर के बनाने को कम करता है) एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है


●      इसमें एंटी-स्पास्मोडिक (मांसपेशियों की ऐंठन से राहत देने वाला) गुण हो सकता है

●      इसमें एंटी-एलर्जी क्षमता हो सकती है


●      यह ब्लड प्रेशर कम करने में मदद कर सकता है


●      यह किडनी की पथरी को कम करने में मदद कर सकता है


●      यह हैपटो-प्रोटैक्टिव (लीवर को क्षति से बचाता है) हो सकता है।


●      यह कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद कर सकता है


●      यह एक लैक्सेटिव (कब्ज को नियंत्रित करता है) के रूप में कार्य कर सकता है।


●      यह एक ड्यूरेटिक (पेशाब बनने को बढ़ावा देता है) के रूप में कार्य कर सकता है।


शरीर के पूरे स्वास्थ्य के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग :

सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग हाई न्यूट्रिशन वैल्यू के साथ कई प्रकार से किया जा सकता है। इस पौधे के विभिन्न भाग उत्प्रेरक के रूप में कार्य करते हैं जो विशेष रूप से दक्षिण एशिया के स्थानीय चिकित्सा प्रणालियों में विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए नियोजित विभिन्न गतिविधियों को करते हैं।3 सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोगों में से कुछ इस प्रकार हैं।


1. डायबटीज़ के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग

सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्ते के रस में एंटी-डायबटीज़ गुण दिखाई देता हैं जो हमारे ब्लड ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने में मदद करता हैं। एक पशु पर हुए अध्ययन (गुप्ता आर और अन्य  2012) से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस डायबटीज़ की वृद्धि को कम करने में मदद कर सकता है और प्रोटीन व इंसुलिन हार्मोन के बनने में वृद्धि करके सीरम ग्लूकोज़ के स्तर में कमी भी ला सकता है।1


पशु पर हुए एक अन्य अध्ययन (नोंग एम और अन्य 2007) से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस रक्त में ग्लूकोज़, मूत्र में शर्करा, प्रोटीन, हीमोग्लोबिन और कुल प्रोटीन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।4 हालांकि, उपरोक्त दावों को सत्यापित करने के लिए और ज़्यादा अध्ययन करने होंगे। क्योंकि डायबिटीज़ एक गंभीर बीमारी है और इसका निदान व इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।


2. घाव भरने के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग

पशुओं पर हुए विभिन्न अध्ययन (बी. एस राठी और अन्य 2006, वी.आई. हुक्केरी और अन्य 2006) से पता चलता है कि सहजन (ड्रमस्टिक) के सूखे पत्तों से निकला गया रस पशुओं के मॉडल में ग्रैन्युलोमा (डेड स्पेस), कटे और चीरे घाव भरने की क्रिया प्रदर्शित कर सकता है। यह घाव की जगह को भी काफ़ी हद तक कम कर सकता है, घाव के भरने में मदद कर सकता है, और त्वचा की पपड़ी की टूटन को मज़बूत कर सकता है।4 हालांकि, घाव भरने के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोगों को साबित करने के लिए मनुष्यों पर अभी और ज़्यादा अध्ययन करने की आवश्यकता है।


3. किडनी के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग

सहजन (ड्रमस्टिक) की छाल, पत्तियां, बीज, फूल और जड़ों में ड्यूरेटिक गतिविधि होती है जो कि किडनी डिस्फंक्शन (दुष्क्रिया) वाले रोगियों में पेशाब के बनने में सहायक होती है। यह किडनी में ऑक्सालेट नमक (पथरी बनाने वाली इकाइयां) के जमाव को कम करने में भी मदद कर सकता है। पशु पर हुए एक अध्ययन (आर. वी. कराडी और अन्य 2008) में पाया गया कि सहजन (ड्रमस्टिक) की जड़ का रस किडनी में नमक और मूत्र के उत्सर्जन को कम करता है। इसके अलावा, ये रस बड़े हुए सीरम यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन के स्तर को भी कम करते हैं।4 यह जानकारी अपर्याप्त है क्योंकि ये अध्ययन अभी सिर्फ पशुओ पर किए गए है। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए मनुष्यों पर इसके और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है। किडनी की बीमारी गंभीर होती हैं और उनका निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए, इसलिए कृपया डॉक्टर से परामर्श करें। हम सलाह देते हैं कि आप डॉक्टर से सलाह लेने से पहले खुद से इलाज करने के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग न करें।


4. कैंसर के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग

सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्ते और बीज संभावित एंटी-ट्यूमर गतिविधियों को दर्शाते है। इसमें कुछ यौगिक होते हैं जो अवरोधक के रूप में कार्य कर सकते हैं और ट्यूमर बढ़ाने वाले अणुओं की गतिविधि को बाधित कर सकते हैं। मानव कैंसर की कोशिकाओं पर इन-विट्रो अध्ययनों से पता चला कि सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्ते के रस की अधिकतम खुराक कैंसर कोशिकाओं के संभावित विषाक्त प्रभाव कैंसर कोशिकाओं की संख्या को कम करने में अपना योगदान देती है।4 हालांकि, कैंसर के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोग को साबित करने के लिए अभी बहुत ज़्यादा व्यापक शोधों की आवश्यकता है। इसके अलावा, कैंसर एक गंभीर बीमारी है और इसका निदान और इलाज डॉक्टर द्वारा ही किया जाना चाहिए।


5. सहजन (ड्रमस्टिक) के अन्य संभावित उपयोग

●     सहजन (ड्रमस्टिक) की छाल, पत्तियों, बीज और जड़ों में बैक्टीरिया और कवक के खिलाफ एंटी-माइक्रोबियल गतिविधि होती है और आपके आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे आपको विशिष्ट स्थितियों में प्रिस्क्राइब कर सकते है।1


●     जब इसे तिल के तेल के साथ मिलाया जाता है, तो सहजन (ड्रमस्टिक) द्वारा उत्पादित गम, पाचन संबंधी समस्याओं, सिरदर्द, दस्त (पेट में संक्रमण), बुखार और अस्थमा जैसी बीमारियों में भी आपकी मदद कर सकता है।3


●     सहजन (ड्रमस्टिक) की जड़ की छाल का रस कान (कान के अंदर दर्द) में दर्द और दांतों में दर्द को कम कर सकता है।

यद्यपि ऐसे और भी अध्ययन हैं जो विभिन्न स्थितियों में सहजन (ड्रमस्टिक) के संभावित उपयोगों को दर्शाते हैं, लेकिन वे अपर्याप्त हैं, और हमें मानव स्वास्थ्य पर सहजन (ड्रमस्टिक) के लाभों की वास्तविक सीमा स्थापित करने के लिए आगे और ज़्यादा अध्ययन करने की ज़रूरत है।


सहजन (ड्रमस्टिक) का उपयोग कैसे करें?

Sehjan(Drumstick) ka upyog kaise karein?


ड्रमस्टिक का प्रयोग निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता हैः


● पूरे पौधे का उपयोग मांसपेशियों की ऐंठन या मांसपेशियों में जकड़न के लिए हो सकता है। यह हृदय और सर्कुलेटरी टॉनिक के रूप में भी कार्य कर सकता है और एंटी-सेप्टिक व ड्यूरेटिक के रूप में कार्य कर सकता है।


● सहजन (ड्रमस्टिक) के बीज अम्लीय होते हैं और उनमें कई उत्तेजक होते हैं जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS) के लिए सहायक होते हैं।


● सहजन (ड्रमस्टिक) के तने की छाल और फूल रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने में उपयोगी हो सकते हैं।


● सहजन (ड्रमस्टिक) के फूल गॉलब्लैडर के संकुचन को उत्तेजित कर सकते हैं और बाईल के प्रवाह को बढ़ा सकते हैं।


● तेज़ बुखार के लिए सहजन (ड्रमस्टिक) की फलियां उपयोगी हो सकती हैं।


● सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्ते का रस हिचकी रोकने (डायफ्राम के संकुचन) में मदद कर सकता है।


 सहजन (ड्रमस्टिक) की पत्तियां इन्फ्लूएंजा की समस्या (श्वसन तंत्र के वायरल संक्रमण) के लिए उपयोगी हो सकती हैं।


● सहजन (ड्रमस्टिक) की सूखी जड़ की छाल से पाइल्स, गॉइटर (थायराइड ग्रंथि की सूजन) और अंदरूनी फोड़ा (पस का बनना) के इलाज में मदद मिल सकती है।4


नियमित रूप से सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करने से पहले आपको हमेशा अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। वे आपकी स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार सही रूप और खुराक निर्धारित करने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति होंगे।


 किसी भी हर्बल सप्लीमेंट को लेने से पहले आपको किसी योग्य डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। किसी योग्य चिकित्सक से परामर्श किए बिना आधुनिक चिकित्सा के चल रहे उपचार को आयुर्वेदिक/जड़ी-बूटियों की तैयार दवा से न तो बदलें या न ही रोकें।


सहजन (ड्रमस्टिक) के दुष्प्रभाव:

पिछले कुछ वर्षों में, सहजन (ड्रमस्टिक) की प्राकृतिक उत्पत्ति और कुछ दुष्प्रभावों के कारण इस पर काफ़ी शोध किये गए है। यह एंटी-एलर्जिक एजेंट होता है और आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में जड़ी-बूटियों के उपचार के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।4,5 हालांकि, कुछ लोगों को सहजन (ड्रमस्टिक) के बीज की फलियों से एलर्जी हो सकती है। इसके सबसे सामान्य दुष्प्रभाव निम्न हैंः


●      चेहरे का एंजियोएडेमा (त्वचा के नीचे सूजन)

●      हाइपोटेंशन (लो ब्लड प्रेशर)


●      निचले अंग की त्वचा में जलन


●      ऑक्यूपेशनल अस्थमा का कारण सांस लेने से होने वाली चिड़चिड़ाहट होती है।5


सहजन (ड्रमस्टिक) लेते के समय बरती जाने वाली सावधानियां:

आम तौर पर सहजन (ड्रमस्टिक) को सुरक्षित माना जाता है अगर इसे कम मात्रा में खाया जाए। हालांकि, दिक्कतों से बचने के लिए सामान्य सावधानी बरतनी होगी।


●     सहजन (ड्रमस्टिक) एंटी-फर्टिलिटी एजेंट के रूप में कार्य करता है और गर्भपात का कारण बन सकता है। यह गर्भावस्था के दौरान आरोपण की प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है।4 इसलिए गर्भवती महिलाओं को सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। सहजन (ड्रमस्टिक) के व्यंजन खाने से बचें। हालांकि, यदि कोई असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।


●     सहजन (ड्रमस्टिक) के बीजों की फलियों से गंभीर एलर्जी हो सकती है जिससे त्वचा में जलन, लो ब्लड प्रेशर व पूरे शरीर में सूजन भी हो सकती है।4 अतः अतिसंवेदनशील प्रतिक्रियाओं से बचने के लिए अतिसंवेदनशील व्यक्तियों को ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए। यदि कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या हो तो अपने आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करें।


कृपया अपनी मर्ज़ी से दवाई न लें, कृपया चल रहे किसी भी इलाज को अपने आप न घटाएं-बढ़ाएं, न बदलें या न रोकें। कृपया स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श करें।


अन्य दवाओं के साथ क्रियाएं:

सहजन (ड्रमस्टिक) में अनेकों बायोएक्टिव यौगिक होते हैं, जो कि कई ड्रग-मेटाबोलाइजिंग एंजाइमों के साथ क्रियाएँ करते हैं जिसके परिणामस्वरूप दवा के अवशोषण, वितरण, उपापचय और शरीर से निरसन में परिवर्तन होता है और जो संभवतः विषाक्तता और उपचार की विफलता का कारण बनता है। सहजन (ड्रमस्टिक) के पत्तों का रस ऐसे एंजाइमों में से एक को रोकता है, जो दवाओं के विषाक्तीकरण के लिए ज़िम्मेदार है।6


सहजन (ड्रमस्टिक) का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और सुनिश्चित करें कि यह आपके लिए सुरक्षित है

Previous Post Next Post