न्यूयॉर्क कोर्ट ऑफ अपील्स ने फैसले में कहा कि विंस्टीन के मामले को देखने वाले ट्रायल जज ने एक गंभीर गलती की है। पिछले साल दया की गुहार लगाने पर विंस्टीन की सजा कम भी की गई थी।
क्या हुई थी गलती?
कोर्ट ने पाया कि मी टू कैंपेन से संबंधित केस में जज ने ऐसा फैसला लिया जो उचित नहीं था। इस फैसले में उन महिलाओं को आरोपों के बारे में गवाही देने का निर्णय शामिल था जो इस मामले का हिस्सा नहीं थीं। अदालत ने नये सिरे से मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार राज्य अपील न्यायालय ने कहा कि ट्रायल जज ने अभियोजन पक्ष को उन महिलाओं की गवाही पेश करने की अनुमति देकर गंभीर गलती की जिन्होंने कहा था कि विंस्टीन ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था।भले ही ये आरोप उन मामलों से संबंधित नहीं थे जिनका विंस्टीन सामना कर रहे थे