स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा इंदौर में होगी स्थापित : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

 स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा इंदौर में होगी स्थापित : मुख्यमंत्री डॉ.यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को आयोजित एक गरिमामय कार्यक्रम में इंदौर के सिरपुर स्थित देवी अहिल्या सरोवर उद्यान में स्वामी विवेकानंद की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा स्थापना के लिए भूमि-पूजन किया। महापुरुषों के जीवन दर्शन को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह एक ऐतिहासिक पहल की जा रही है। यह भव्य प्रतिमा स्वामी जी की शिक्षाओं और दर्शन को जन-जन तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम बनेगी।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत में संत परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है और उनमें से स्वामी विवेकानंद विलक्षण संत थे। उन्होंने निराकार ईश्वर के उपासक के रूप में मानवता की सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि "मैं देखूंगा तो ही मानूंगा" जो उनके तर्कशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शरीर के माध्यम से जीवन सेवा का मंत्र दिया और आत्मनिर्भरता का आशीर्वाद प्राप्त कर मृत्यु पर विजय प्राप्त की। उन्होंने दुर्बलता और हीनता को जीवन का हिस्सा मानने से इनकार करते हुए इसे मृत्यु के समान बताया। उनका विश्वास था कि साहस, सामर्थ्य और आत्मबल के सहारे व्यक्ति सभी कमजोरियों को पार कर सकता है।


मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का संपूर्ण जीवन त्याग, सेवा और आत्मबोध का प्रतीक था। शिकागो धर्म संसद में दिया गया उनका ऐतिहासिक भाषण ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना का जीवंत उदाहरण है, जिसने विश्व पटल पर भारत की संस्कृति और अध्यात्म का ध्वज लहराया। उन्होंने जीवन को अंदर से बाहर की ओर विकसित करने का मंत्र दिया और कर्म को ही साधना बताया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आह्वान किया कि स्वामी विवेकानंदजी के सिद्धांत और विचार आज भी अत्यंत प्रासंगिक हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर उनके विचारों को जन-जन तक पहुंचाना चाहिए, ताकि समाज का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके। यह मूर्ति स्थापना इस दिशा में एक बड़ा प्रयास है

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