वंतारा को लेकर बुरा फंसा अंबानी परिवार, सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए गठित की SIT
सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी परिवार द्वारा संचालित वंतारा के कामकाज की जांच के लिए एक SIT का गठन करने का निर्देश दिया है। रिलायंस फाउंडेशन के वंतारा प्रोजेक्ट को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज मिथल और जस्जिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जे चेलमेश्वर की अध्यक्षता में SIT गठित की है। इस SIT में उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस राघवेंद्र चौहान, मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले और अनीश गुप्ता रहेंगे।
किन-किन बातों की होगी जांच
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित यह SIT टीम पशुओं के अधिग्रहण, कानूनी अनुपालन, अंतरराष्ट्रीय मापदंड, पशु कल्याण, पर्यावरण संबंधी चिंताएं, पशुओं के संग्रहण और संरक्षण, संसाधनों का उपयोग, वन्यजीव व्यापार, वित्तीय अनुपालन व अन्य प्रासंगिक मामलों की जांच करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT टीम को नियामकों, अधिकारियों, हस्तक्षेपकर्ताओं और पत्रकारों सहित कई स्रोतों से जानकारी हासिल करने का अधिकार दिया गया है। टीम कोर्ट को एक संपूर्ण तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए जरूरी समझे जाने वाले किसी भी क्षेत्र में अपनी जांच का विस्तार कर सकती है। साथ ही, SIT टीम को 12 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
बेंच ने की ये टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस पंकज मिथल और जस्जिस प्रसन्ना बी वराले की बेंच ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, याचिका में बिना किसी समर्थन सामग्री के केवल आरोप लगाए गए हैं। सामान्यतः ऐसी याचिका पर विचार नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, इन आरोपों के मद्देनजर कि वैधानिक प्राधिकारी या न्यायालय अपने आदेश का पालन करने के लिए या तो अनिच्छुक हैं या असमर्थ हैं। विशेष रूप से तथ्यात्मक स्थिति की सत्यता के सत्यापन के अभाव में, हम न्याय की दृष्टि से एक स्वतंत्र तथ्यात्मक जांच की मांग करना उचित समझते हैं, जो कथित उल्लंघन, यदि कोई हो, को स्थापित कर सके।