भेल भोपाल का गौरव है, हम इसे वापस लौटाएंगे- अरुण श्रीवास्तव
विशेष बातचीत
सचिन गंगराड़े / रोशन नेमा
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भोपाल लोकसभा सीट पर इंडिया एलाइंस गठबंधन के तहत कांग्रेस ने एडवोकेट अरुण श्रीवास्तव को अपना उम्मीदवार बनाया है।श्रीवास्तव विगत 40 वर्षों से पार्टी से जुड़े हुए हैं। उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार आलोक शर्मा से है।चुनाव को लेकर उनकी आगामी रणनीति एवं भोपाल लोकसभा क्षेत्र के विकास के प्लान को लेकर हमने उनसे बातचीत की-
भोपाल लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस पार्टी ने आप पर भरोसा जताया है। क्या कहेंगे ?
कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। पार्टी के विश्वास पर मै भोपाल का गौरव लौटाने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं। पिछले 40 वर्षों से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़कर सेवा कर रहा हूं। पिछले 7 वर्षों तक भोपाल जिला कांग्रेस में शामिल करते हुए किसान, मजदूर बेरोजगार महिलाओं बेटियों पर हो रहे हैं शोषण को लेकर विरोध प्रदर्शन करता रहा हूं। यह चुनाव नहीं है एक आंदोलन है भ्रष्टाचार के खिलाफ बेरोजगारी के खिलाफ महंगाई के खिलाफ। यह चुनाव कांग्रेस नहीं जनता बीजेपी के खिलाफ लड़ रही है ।
आपने भोपाल का गौरव लौटाने की बात की है। वह क्या है और किस तरह लाया जाएगा।
हमारे भोपाल का सबसे बड़ा गौरव औद्योगिक इकाई भेल है ,जिसने अपनी स्थापना के बाद से ही भोपाल में तरक्की की कहानी लिखी थी। हम भेल का रिनोवेशन कर उसको और बड़े स्टेज पर लें जाएंगे। इससे हजारों नौजवानों को रोजगार मिलेगा। आपको बता दू कि जब भेल शुरू हुआ था , तब 28 हजार के आसपास कर्मचारी थे ,आज उसमे 54 सौ के लगभग ही लोग नहीं रह गए हैं। भाजपा सरकार पिछले 20 वर्षों से मास्टर प्लान लाने में विफल रही है। हम उसकी भी चर्चा करेंगे। इसके साथ ही जबलपुर हाई कोर्ट की बेंच भोपाल लाने का, एवं भोपाल को आईटी हब बनाने का प्रयास किया जाएगा।
भोपाल कर्मचारियों की नगरी है। उनके लिए क्या प्लान है ?
कर्मचारी हमारे लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए हम लगातार ओल्ड पेंशन योजना की बात कर रहे है। उनके वेतन भत्तों एवं उनकी जायज मांगों के संबंध में और उनके सम्मान को कायम रखने के लिए संसद में आवाज नहीं उठाई जा रही है। हम अंतिम दम तक लड़ाई लड़ेंगे।भोपाल संसदीय सीट से चुने जाने वाले सांसदों को केवल सरकार के प्रवक्ता के रूप में देखा गया है। यही कारण है कि भोपाल के मतदाता का काम केवल उन्हें संसद तक पहुंचाने का रह गया है। उनकी आवाज को संसद में उठाने का काम अब किया जाएगा।
चुनाव में विकास की ही बात होती है, लेकिन जाति भी एक फेक्टर है। राहुल गाँधी लगातार जातिगत गणना की बात कर रहे है?
जातिगत जनगणना एक अलग चीज है एवं क्षेत्र में वोट एक अलग चीज है। कांग्रेस जातिगत जनगणना के पक्ष में है। हम लगातार इस मुद्दे को उठा रहे है। मैं यह समझता हूं कि भोपाल लोकसभा सीट समग्र जातियों की है। और समग्र जातियां मिलकर अपना उम्मीदवार चुनेगी।
कांग्रेस को नेतागण लगातार छोड़ कर जा रहे है। इससे कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ रहा है ?
नेताओं द्वारा कांग्रेस छोड़ने से कार्यकर्ता और मजबूत हो रहे हैं। वे जानते है कि जो आधे मन से काम कम कर रहे थे,उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इंदौर की घटना से कार्यकर्ताओं का मनोबल मजबूत हुआ है। अगर कोई बीच में बड़ा नेता धोखा भी दे देता है तो उसे रिजल्ट पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आप देखिएगा प्रदेश में चौंकाने वाले रिजल्ट आएंगे।
भोपाल गैस पीड़ित नगर है। लेकिन इस बार चुनाव में यह मुद्दा नजर नहीं आ रहा है
भोपाल लोकसभा क्षेत्र भयावह औद्योगिक त्रासदी के कारण जाना जाता है इस तरह-ज़रा साड़ी का शिकार स्वयं मैं भी हूं भोपाल समिति देशभर के अनेक सामाजिक एवं सभी संगठनों के कार्यकर्ता होने बाबा गृहस्थ साड़ी के पीड़ितों की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान कर दी लेकिन केंद्र प्रधान के बाद आज तक किसी भी सांसद ने ना तो प्रभावितों के हितों की बात संसद में की है और ना ही गैस पीड़ितों की अगली पीढ़ी को प्रभावित घोषित कर पाए कांग्रेस शासन काल में स्थापित बीएमएचआरसी केवल एक डिस्पेंसरी बनकर रह गया है जिसका गैस पीड़ितों के प्रभावी इलाज एवं त्रासदी के संबंध में रिसर्च से उसे संसाधन का कोई लेना-देना नहीं बचा है
