रक्षा मंत्री ने की सेना प्रमुखों के साथ की समीक्षा बैठक

 रक्षा मंत्री ने की सेना प्रमुखों के साथ की समीक्षा बैठक

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई मिसाइल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने बौखलाकर गुरुवार रात जवाबी कार्रवाई की कोशिश की। पाकिस्तान की सेना ने जम्मू-कश्मीर और राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों के जरिए हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते ये सभी प्रयास विफल रहे।


रक्षा मंत्री ने की सेना प्रमुखों के साथ की समीक्षा बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय में एक बेहद महत्वपूर्ण मीटिंग की। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख यानी वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी व नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मौजूद रहे। बैठक में रक्षा सचिव आरके सिंह भी मौजूद रहे।

इस बैठक में आतंकवादियों के खिलाफ शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में पाकिस्तान के कारण सीमावर्ती इलाकों में उत्पन्न हुई पूरी स्थिति की समीक्षा की गई। माना जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति और सैन्य तैयारियों पर भी चर्चा हुई।

जम्मू पर हमले की कोशिश नाकाम, भारतीय सेना ने खदेड़ा

भारतीय रक्षा बलों ने शुक्रवार की सुबह जम्मू को ड्रोन और अन्य हथियारों से निशाना बनाने की पाकिस्तान की एक और कोशिश को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान जम्मू को निशाना बनाने की पहली बड़ी कोशिश के कुछ ही घंटों बाद सीमा पार से यह हमला शुक्रवार को सुबह करीब 3.50 बजे हुआ। इसके बाद भारतीय सेना करारा जवाब दिया। सुबह 4.45 बजे तक बीच-बीच में धमाकों की आवाजें सुनाई देती रहीं, हर बार सायरन बजते रहे।

राजनाथ सिंह के साथ मीटिंग, तीनों सेना प्रमुख रक्षा मंत्रालय पहुंचे

भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अहम बैठक बुलाई है। इस बैठक सीडीएस अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ चर्चा हो रही है। इस मीटिंग में शामिल होने के लिए तीनों सेनाओं के प्रमुख रक्षा मंत्रालय पहुंच गए है। इस बैठक में पाकिस्तान से तनातनी से उपजे हालात पर विचार विमर्श किया जा रहा है।

पाकिस्तान के 50 ड्रोन धराशाही

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान ने जम्मू, सांबा, बारामूला, कुपवाड़ा, उधमपुर, पठानकोट और जैसलमेर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर ड्रोन भेजे। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा इकाइयों द्वारा चलाए गए बड़े पैमाने पर काउंटर-ड्रोन ऑपरेशन में 50 से अधिक ड्रोन को निष्प्रभावी कर दिया गया। इस ऑपरेशन में एल-70 गन, ज़ू-23 मिमी, शिल्का सिस्टम और आधुनिक काउंटर-यूएएस (Unmanned Aerial System) उपकरणों का व्यापक रूप से उपयोग किया गया।

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